लिंग मुद्रा हाथों की एक विशेष स्थिति है जिसे योग में किया जाता है. इसका मतलब है “लिंग मुद्रा”. संस्कृत में, “लिंग” का अर्थ “शिव का प्रतीक” होता है और “मुद्रा” का अर्थ “इशारा” होता है। इस मुद्रा को करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है क्योंकि यह शरीर के अंदर अग्नि तत्व को संतुलित करती है.
लिंग मुद्रा के फायदे
- शरीर का तापमान बढ़ाती है और सर्दी, जुकाम, खांसी आदि से राहत दिलाती है.
- पाचन क्रिया को तेज करती है.
- जकड़न और थकान को दूर करती है.
- मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है.
- श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि में लाभकारी.
ध्यान दें
- जिन लोगों को बुखार, पेट में अल्सर या बहुत अधिक पित्त (acidity) की समस्या है उन्हें इस मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को भी इस मुद्रा का अभ्यास करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
- शुरुआत में 15 मिनट से ज्यादा इस मुद्रा का अभ्यास न करें.
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