तितली आसन करने का तरीका और फायदे

तितली आसन, जिसे बटरफ्लाई पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, एक सुंदर और लाभकारी योग आसन है जो एक तितली के फड़फड़ाते हुए पंखों के समान ही आपके शरीर को हल्कापन और लचीलापन प्रदान करती है। यह आसन न केवल आपके बाहरी रूप को मजबूत बनाता है, बल्कि आपके अंदरूनी अंगों को भी स्वस्थ रखता है। इस आसन में आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, और आपके पैरों के तलवे आपस में जुड़े होते हैं। यह आसन आपके कूल्हों, जांघों और घुटनों को खोलता है, और आपके शरीर में लचीलापन लाता है। तितली आसन को यह नाम इस लिए दिया गया है क्योंकि इस आसन में आप अपनी टाँगें इस तरह हिलाते हैं जिस तरह की एक तितली अपने पंख फड़फड़ाती है। यह आसन बद्ध कोणासन के बहुत सामान है, लेकिन दोनो फरक आसन हैं जिन्हे आमतौर से लोग एक समझ बैठते हैं। बद्ध कोणासन में दोनो पैरों को हाथों से पकड़ कर साथ में बाँध कर रखते हैं, और जितना हो सके शरीर के करीब ले कर आते हैं। परंतु बद्ध कोणासन में टाँगे उपर-नीचे नहीं हिलाते, बल्कि आगे की  और झुख कर सिर को ज़मीन पर लगाना होता है।

तितली आसन के फायदे – Titli asana (Butterfly Pose)

  • तितली आसन के कुछ लाभ हैं यह:
  • यह पद्मासन और अन्य ध्यान करने के लिए आसन के लिए टाँगों को तैयार करता है।
  • अंद्रूणी जांघ की मांसपेशियों में बहुत तनाव होता है, जो इस आसन से ख़तम हो जाता है।
  • यह आसन देर तक खड़े रहने और घूमने से होने वाली थकान को भी ख़तम करता है।
  • गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी या प्रसव के लिए तैयार होने में मदद करता।
  • आँतों के लिए लाभदायक है और मल त्याग में मदद करता है।
  • यह मूत्रजन्य प्रणाली के लिए भी फायदेमंद है।
  • यह आसन आपके दिमाग को शांत करने और तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
  • पेट और श्रोणि क्षेत्र में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे आपके अंगों को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।
  • पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है, जिससे आपको कब्ज से राहत मिल सकती है।

तितली आसन करने का तरीका – Titli asana (Butterfly Pose)

  • आसन करने से पहले एक मैट बिछाएं।
  • मैट पर सुखासन में बैठें। ध्यान रहे, पीठ, कंधे सब रिलैक्स हों।
  • अब दोनों पैरों के तलवों को आपस में चिपकाने की कोशिश करें।
  • जितना संभव हो, पैरों को जांघों की ओर खींचे।
  • हाथों से दोनों पैरों की उंगलियों को पकड़ें।
  • इस दौरान आपकी पीठ सीधी होनी चाएह।
  • घुटनों को ऊपर-नीचे करते हुए सांस की गति पर ध्यान दें।
  • जब घुटनों को ऊपर करें, तो सांस लें और नीचे जमीन को स्पर्श करते समय सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को कम से कम 15 से 20 बार दोहराएं।

तितली आसन सावधानियां

  • यदि आपके घुटनों में दर्द है, तो इस आसन को करने से बचें।
  • यदि आपको कूल्हों में दर्द है, तो अपने पैरों को जितना हो सके एक साथ रखें।

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